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Tere Qurban Pyare Muhammad Gir Raha Hun Mujhe Bhi Sambhaalo Lyrics

Tere Qurban Pyare Muhammad Gir Raha Hun Mujhe Bhi Sambhaalo Lyrics






जिस ने देखे नैन मतवाले तेरे
मस्त-ओ-बेख़ुद हो न हो तो क्या करे
एक नज़र जो देख ले, कहता फिरे

तेरे क़ुर्बान, प्यारे मुहम्मद !
गिर रहा हूँ मुझे भी सँभालो
अपने प्यारे नवासों का सदक़ा
या नबी ! मेरी झोली में डालो

तेरे क़ुर्बान, प्यारे मुहम्मद !
गिर रहा हूँ मुझे भी सँभालो

कोई अपना नहीं रोज़-ए-महशर
है यहाँ नफ़्स-ओ-नफ़्सी का 'आलम
हम गुनहगार हैं, या मुहम्मद !
अपनी कमली में हम को छुपा लो

तेरे क़ुर्बान, प्यारे मुहम्मद !
गिर रहा हूँ मुझे भी सँभालो

बलग़ल-'उला बि-कमालिहि
कशफ़-द्दुजा बि-जमालिहि
ह़सुनत जमी'उ ख़िसालिहि
स़ल्लू 'अलैहि व आलिहि

ऐ ख़त्म-ए-रुसूल ! मक्की-मदनी !
कौनैन में तुम सा कोई नहीं
ऐ ख़त्म-ए-रुसूल !

तेरे क़ुर्बान, प्यारे मुहम्मद !
गिर रहा हूँ मुझे भी सँभालो

नूर से नूर मिलने चला है
मुस्तफ़ा से ख़ुदा कह रहा है
ये है मे'राज की रात, प्यारे !
अपने चेहरे से पर्दा हटा लो

तेरे क़ुर्बान, प्यारे मुहम्मद !
गिर रहा हूँ मुझे भी सँभालो

दूर हो जाएँगे सब अँधेरे
नूर ही नूर आँखों में होगा
देखना है अगर उन का जल्वा
अपने दिल को मदीना बना लो

तेरे क़ुर्बान, प्यारे मुहम्मद !
गिर रहा हूँ मुझे भी सँभालो

सल्ले 'अला नबिय्येना
सल्ले 'अला मुहम्मदिन

तेरे क़ुर्बान, प्यारे मुहम्मद !
गिर रहा हूँ मुझे भी सँभालो

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