Tu Sayyad-ul-Khair-ul-Wara | Sibtain Haider Lyrics
Tu Sayyad-ul-Khair-ul-Wara | Sibtain Haider Lyrics
या मुस्तफ़ा !
या मुहम्मद ! सल्ले 'अला
या मुहम्मद ! सल्ले 'अला
या मुहम्मद !
तू सय्यिद-उल-ख़ैर-उल-वरा
हर दर्द की तू है दवा
या मुहम्मद ! सल्ले 'अला
या मुहम्मद ! सल्ले 'अला
या मुहम्मद !
मैं ने मोहब्बत लिखते लिखते
मीम मुहम्मद है लिखा
जाए 'इयादत को दुश्मन की
कोई नहीं है तुम जैसा
दोनों जहानों में होता है
चर्चा तेरी करीमी का
तू सय्यिद-उल-ख़ैर-उल-वरा
हर दर्द की तू है दवा
या मुहम्मद ! सल्ले 'अला
या मुहम्मद ! सल्ले 'अला
या मुहम्मद !
दिल तो पड़ा रहता है मेरा
तेरी चौखट पर, मौला !
दर पर तेरे, दिल ने मेरे
देखा है मंज़र ऐसा
तेरे दर पे सर से पहले
सज्दे में है दिल ये झुका
तू सय्यिद-उल-ख़ैर-उल-वरा
हर दर्द की तू है दवा
या मुहम्मद ! सल्ले 'अला
या मुहम्मद ! सल्ले 'अला
या मुहम्मद !
हसनैन के सदक़े से जो माँगा नहीं करते
सरकार उन की अर्ज़ियाँ माना नहीं करते
या नबी ! नबी नबी !
या नबी ! नबी नबी !
मैं तो, आक़ा ! उन गलियों के
जाऊँ सदक़े और वारी
जिन गलियों में,आक़ा ! तुम ने
'उम्र गुज़ारी है सारी
मक्की-मदनी ! रहमत-ए-'आलम !
मुझ को बुला ले तू तयबा
तू सय्यिद-उल-ख़ैर-उल-वरा
हर दर्द की तू है दवा
या मुहम्मद ! सल्ले 'अला
या मुहम्मद ! सल्ले 'अला
या मुहम्मद !
तेरी सना में रब ने उतारी हर आयत, हर सूरत
रब ने बनाई, प्यारे आक़ा ! तेरे सदक़े दुनिया
नबी नबी ! या नबी ! नबी नबी !
या नबी ! नबी नबी !
जिस का चाहे, जितना चाहे
दामन भर दे तू, मौला !
रातों को अज़लान की अब तो
नूर-ए-सहर दे दे, आक़ा !
हाल-ए-दिल को सुन ले, मौला !
जैसा हूँ, बंदा हूँ तेरा
तू सय्यिद-उल-ख़ैर-उल-वरा
हर दर्द की तू है दवा
या मुहम्मद ! सल्ले 'अला
या मुहम्मद ! सल्ले 'अला
या मुहम्मद !
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