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Shahar-e-Tayba Tere Baazaar Mahakte Honge

Shahar-e-Tayba Tere Baazaar Mahakte Honge





शहर-ए-तयबा ! तेरे बाज़ार महकते होंगे
तेरी गलियों से जो सरकार गुज़रते होंगे

शहर-ए-तयबा तेरे बाज़ार महकते होंगे

हुस्न-ए-कामिल से कोई नज़र हटाए कैसे !
देखने वाले उन्हें देखते रहते होंगे

शहर-ए-तयबा तेरे बाज़ार महकते होंगे

मुस्कुरा कर वो कोई बात जो करते होंगे
ख़ुश्बूएं फैलती और रंग निखरते होंगे

शहर-ए-तयबा तेरे बाज़ार महकते होंगे

उन के तल्वों की चमक देखने वाली होगी
उन के क़दमों से जो नालैन उतरते होंगे

शहर-ए-तयबा तेरे बाज़ार महकते होंगे

जा के जिब्रील ने फिर नज़र उतारी होगी
उन के काँधों पे जो हसनैन चहकते होंगे

शहर-ए-तयबा तेरे बाज़ार महकते होंगे

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