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Raunaq-e-Kul-Auliya Ya Ghaus-e-Aazam Dast-Geer

Raunaq-e-Kul-Auliya Ya Ghaus-e-Aazam Dast-Geer




रौनक़-ए-कुल-औलिया ! या ग़ौस-ए-आज़म दस्त-गीर !
पेश्वा-ए-अस्फ़िया ! या ग़ौस-ए-आज़म दस्त-गीर !

ग़ौस-ए-आज़म ! शाह-ए-जीलाँ ! ग़ौस-ए-आज़म दस्त-गीर !

आप हैं पीरों के पीर और आप हैं रौशन-ज़मीर
आप शाह-ए-अत्क़िया, या ग़ौस-ए-आज़म दस्त-गीर !

पेश्वा-ए-अस्फ़िया ! या ग़ौस-ए-आज़म दस्त-गीर !
ग़ौस-ए-आज़म ! शाह-ए-जीलाँ ! ग़ौस-ए-आज़म दस्त-गीर !

औलिया की गर्दनें हैं आप के ज़ेर-ए-क़दम
या इमामल-औलिया ! या ग़ौस-ए-आज़म दस्त-गीर !

पेश्वा-ए-अस्फ़िया ! या ग़ौस-ए-आज़म दस्त-गीर !
ग़ौस-ए-आज़म ! शाह-ए-जीलाँ ! ग़ौस-ए-आज़म दस्त-गीर !

अहल-ए-महशर देखते ही हश्र में यूँ बोल उठे
मरहबा ! सद मरहबा ! या ग़ौस-ए-आज़म दस्त-गीर !

आप जैसा पीर होते क्या ग़रज़ दर दर फिरूं
आप से सब कुछ मिला, या ग़ौस-ए-आज़म दस्त-गीर !

पेश्वा-ए-अस्फ़िया ! या ग़ौस-ए-आज़म दस्त-गीर !
ग़ौस-ए-आज़म ! शाह-ए-जीलाँ ! ग़ौस-ए-आज़म दस्त-गीर !

इज़्न दो बग़दाद का हर इक अक़ीदत-मंद को
ग्यारहवीं वाले पिया ! या ग़ौस-ए-आज़म दस्त-गीर !

पेश्वा-ए-अस्फ़िया ! या ग़ौस-ए-आज़म दस्त-गीर !
ग़ौस-ए-आज़म ! शाह-ए-जीलाँ ! ग़ौस-ए-आज़म दस्त-गीर !

है यही अत्तार की हाजत मदीने में मरे
हो इनायत सय्यिदा ! या ग़ौस-ए-आज़म दस्त-गीर !

पेश्वा-ए-अस्फ़िया ! या ग़ौस-ए-आज़म दस्त-गीर !
ग़ौस-ए-आज़म ! शाह-ए-जीलाँ ! ग़ौस-ए-आज़म दस्त-गीर !

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