Pukaro Shah e Jilan Ko Pukaro
Pukaro Shah e Jilan Ko Pukaro
पुकारो शाहे-जीलां को पुकारो
सवंर जाएंगी तकदीरें,
बदल जाएगी क़िस्मत बे-सहारो
पुकारो हर गड़ी या ग़ौसे-आज़म
मिलेगा चैन दिल को बे-सहारो
पुकारो शाहे-जीलां को पुकारो
पुकारो...
'मुरीदी ला-तख़फ' है उनका फरमान
न गबराओ ज़रा भी ग़म के मारो
पुकारो शाहे-जीलां को पुकारो
पुकारो...
तुम्हारी रीत है नेहरें तिराना
मेरी नैया भी मीरा पार उतारो
पुकारो शाहे-जीलां को पुकारो
पुकारो...
ये ज़र्रे कूचा-ए-बग़दाद के हैं
करो सजद यहां पर चाँद-तारो
पुकारो शाहे-जीलां को पुकारो
पुकारो...
करो तुम नामे-मीरां का वज़ीफा
दयारे-जिन्दगी है बे-सहारो
पुकारो शाहे-जीलां को पुकारो
पुकारो...
ये दर महबूबे-सुबहानी का दर है
भिकारी बन के आओ ताजदारो
पुकारो शाहे-जीलां को पुकारो
पुकारो...
रहे हर दम ख़याले-ग़ौसे-आज़म
गुज़ारो जिन्दगी बस यूँ गुज़ारो
पुकारो शाहे-जीलां को पुकारो
सवंर जाएंगी तकदीरें,
बदल जाएगी क़िस्मत बे-सहारो
नातख्वां:
अक़्सा अब्दुल हक़
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